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Showing posts from March, 2022
सगाई- शादी के बीच के समय को 'गोल्डन टाइम' बनाने की कुछ यूज़फुल टिप्स
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Significance of Sagai (Pic: muktaeventmanagers ) सगाई को मंगनी और अंग्रेजी में इंगेजमेंट या रिंग सेरेमनी भी कहते हैं। यह शादी से पहले लड़का लड़की के रिश्ते को पक्का करने की रस्म होती है। एक तरह का रिश्ता पक्का होने की मोहर लग जाती है जिससे जीवनसाथी की खोज खत्म और आपको आपका हमसफर मिल जाता है,बस उससे शादी होना बाकी रह जाता है। सगाई से लेकर शादी का समय कुछ महीनों या दिनों का होता है जिसे गोल्डन टाइम्स फॉर कपल्स भी कहा जाता है। जिसमें दोनों कपल्स आपस में मिलते हैं बात करते हैं और एक दूसरे के प्यार में पड़ जाते हैं। आजकल स्मार्टफोन और सोशल मीडिया ऐप जैसे कि व्हाट्सप्प, फेसबुक, इंस्ट्रग्राम के जरिए सगाई के बाद दिन-रात ऑडियो और वीडियो कॉल होना नॉर्मल सी बात हो गई है। यह एक तरीके से अच्छा भी है कि आप अपने पार्टनर को समय दे पाते हैं और उसे समझ पाते हैं और अपने विचारों को भी उसके सम्मुख प्रकट कर पाते हैं। यू शादी से पहले मिलना बात करना आपके अंदर हिचकिचाहट खत्म कर देता है और आप अपने पार्टनर के साथ एक अच्छे दोस्त बन जाते हैं। वहीं जरूरत से ज्यादा बात करना या समय देना आपकी सेल्फ रिस्पेक्ट को भी ठ
सिर्फ नौकरी पाने के लिए ही नहीं, एक अच्छे नागरिक बनने के लिए भी जरूरी है 'पर्सनैलिटी डेवलपमेंट'
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Personality Tips (Pic: liquidplanner ) पर्सनालिटी का हिंदी अर्थ 'व्यक्तित्व' है। सुंदर और तंदुरुस्त शरीर होने के साथ-साथ हर इंसान के लिए व्यक्तित्व का होना बहुत जरूरी है आज के जमाने में 'पर्सनालिटी डेवलपमेंट' शब्द बहुत ट्रेंड में है। किसी भी व्यक्ति की शारीरिक बनावट, बोलचाल, शिक्षा, व्यवसाय आदि का परिचय पर्सनालिटी शब्द के नाम से होता है। लेकिन पर्सनैलिटी किसी भी व्यक्ति का केवल फिजिकल और मेंटल तौर पर एक्टिव होना ही नहीं दर्शाता, बल्कि वह व्यक्ति के भीतर छुपे इंसानियत के गुण, दूसरों के प्रति प्रेम व्यवहार, दूसरों की मदद, दूसरों की परेशानियों और परिस्थितियों को समझना, दूसरों में अच्छे गुणों को देखना और अच्छे कामों के लिए उन्हें प्रोत्साहन करना आदि के गुण भी दर्शाता है। व्यक्तित्व एक ऐसा गहना है जिसका मूल्यांकन व्यक्ति के व्यवहारिक गुणों के साथ किया जाता है। हर व्यक्ति में शारीरिक विकास और मानसिक विकास के साथ-साथ व्यक्तित्व विकास का होना भी बहुत जरूरी है इसी के चलते ही वह खुद को बाकी लोगों से भिन्न रख सकता है। आज की इस आर्टिकल में हम व्यक्तित्व विकास की पूर्ण जानकारी प्
Family Learnings from Ramayna Episode 1
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साल 1987 - 88 के बीच जब दूरदर्शन पर रामायण धारावाहिक प्रसारित हुआ था तो धारावाहिक की चर्चा बड़े लंबे समय तक चली। आंकड़े कहते हैं कि उस समय देश के 82% लोगों ने रामायण धारावाहिक को टेलीविजन पर देखा था। अगर आज के समय में बात करें तो पिछले साल जब कोरोना के समय लॉकडाउन लग गया और सब लोग अपने घरों में कैद हो गए, तो एक बार फिर दूरदर्शन पर रामायण को प्रसारित किया गया और लोगों ने उतने ही उत्साह और उमंग से इस धारावाहिक को देखा। बता दें कि गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित रामचरितमानस के माध्यम से लोगों को यह बताने का प्रयास किया गया है कि जब जब धरती पर दुराचार बढ़ेगा, पाप बढ़ेगा तब तब इस दुराचार और पाप को समाप्त करने के लिए एक दिव्य शक्ति धरती पर अवतरित होगी। हालांकि इसमें महत्वपूर्ण रूप से यह बात बताने का प्रयास किया गया है कि किस प्रकार प्रभु श्री राम ने मानव रूप में जन्म लेकर मानवीय गुणों को, मानवीय आचरण का पालन करते हुए बुराई पर अच्छाई की जीत स्थापित की। आज हम रामचरित मानस पर आधारित निर्माता निर्देशक रामानंद सागर द्वारा कृत रामायण धारावाहिक के पहले एपिसोड में वर्णित प्रभु श्री राम के कलाओं
Family Learning from Mahabharata, Mahabharat First Episode
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