सिर्फ नौकरी पाने के लिए ही नहीं, एक अच्छे नागरिक बनने के लिए भी जरूरी है 'पर्सनैलिटी डेवलपमेंट'

 

 Personality Tips (Pic: liquidplanner)

पर्सनालिटी का हिंदी अर्थ 'व्यक्तित्व' है। सुंदर और तंदुरुस्त शरीर होने के साथ-साथ हर इंसान के लिए व्यक्तित्व का होना बहुत जरूरी है आज के जमाने में 'पर्सनालिटी डेवलपमेंट' शब्द बहुत ट्रेंड में है। किसी भी व्यक्ति की शारीरिक बनावट, बोलचाल, शिक्षा, व्यवसाय आदि का परिचय पर्सनालिटी शब्द के नाम से होता है। लेकिन पर्सनैलिटी किसी भी व्यक्ति का केवल फिजिकल और मेंटल तौर पर एक्टिव होना ही नहीं दर्शाता, बल्कि वह व्यक्ति के भीतर छुपे इंसानियत के गुण, दूसरों के प्रति प्रेम व्यवहार, दूसरों की मदद, दूसरों की परेशानियों और परिस्थितियों को समझना, दूसरों में अच्छे गुणों को देखना और अच्छे कामों के लिए उन्हें प्रोत्साहन करना आदि के गुण भी दर्शाता है। व्यक्तित्व एक ऐसा गहना है जिसका मूल्यांकन व्यक्ति के व्यवहारिक गुणों के साथ किया जाता है। हर व्यक्ति में शारीरिक विकास और मानसिक विकास के साथ-साथ व्यक्तित्व विकास का होना भी बहुत जरूरी है इसी के चलते ही वह खुद को बाकी लोगों से भिन्न रख सकता है।

आज की इस आर्टिकल में हम व्यक्तित्व विकास की पूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे।

व्यक्तित्व विकास जिसे अंग्रेजी में पर्सनैलिटी डेवलपमेंट कहा जाता है। इसका मतलब अपने व्यक्तित्व को उभारना यानि व्यक्तित्व का विकास। पर्सनालिटी डेवलपमेंट में आपको अपने पर्सनल बिहेवियर, एटीट्यूड, प्रस्तुति का तरीका, लोगों से बात करने का तरीका और ऐसी ही बहुत सी चीज़ों को उभारना होता है। पर्सनालिटी डेवलपमेंट से आप अपने स्वभाव और व्यवहार में सुधार कर सकते हैं। आज के आधुनिक युग में पर्सनैलिटी डेवलपमेंट हर स्कूल और कॉलेजों में हर वर्ग के छात्र-छात्राओं को एक विषय के तौर पर पढ़ाया जा रहा है। इसकी कमी होने की वजह से एक शिक्षित व्यक्ति भी शुन्य के समान है।

हमारे जीवन के लिए पर्सनैलिटी डेवलपमेंट बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह आपको अपना जीवन बेहतर तरीके से जीने में मदद करता है।  यह आप में आत्मविश्वास पैदा करता है, आपको अपने जीवन को पॉजिटिव रूप से देखने में मदद करता है, आपके भीतर पॉजिटिव एनर्जी पैदा करता है, आपके स्वास्थ्य में सुधार करता है, आपके तनाव को कम करता है और आपको एक अधिक आकर्षक व्यक्तित्व बनाता है।

सबसे ज्यादा हमारे व्यक्तित्व को किसी उच्च परीक्षा या नौकरी संबंधित इंटरव्यू के दौरान चेक किया जाता है। ऐसे में कभी कभी काबिल लोग पर्सनैलिटी डेवलपमेंट की कमी होने की वजह से इंटरव्यू में रिजेक्शन प्राप्त कर लेते हैं तो वहीं कुछ लोग अच्छी पर्सनालिटी डेवलपमेंट होने के कारण सभी के सम्मुख अपनी एक अलग छवि छाप छोड़ देते हैं।

आइए जानते हैं कुछ बेहतर और आसान टिप्स जो आपके लिए सहायक होंगे; किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व को उन गुणों और विशेषताओं के समामेलन के रूप में परिभाषित किया जाता है जो व्यक्ति के चरित्र और छवि में योगदान करते हैं।  यह भीतर से उत्पन्न होता है और हमें बनाता है कि हम कौन हैं।  किसी व्यक्ति का व्यक्तित्व उसके रूप, व्यवहार, दृष्टिकोण, शिक्षा, मूल्यों और कुछ और अलग-अलग विशेषताओं से निर्धारित और आंका जाता है।


अपने एक्सटर्नल अपिरन्स को अच्छा रखें 

सबसे पहले हमारे एक्सटर्नल अपिरन्स ही हमारे व्यक्तित्व को दर्शाता है। जब भी हम किसी को मिलते हैं तो हमारे शारीरिक रूप, रेखा ,सुंदरता, चाल ढाल कपड़े पहनने के तौर तरीके, खाने पीने के तरीके और हमारी पर्सनल हाइजीन को चेक किया जाता है‌। एक्सटर्नल अपिरन्स   से मतलब महंगे कपड़े और मेकअप करने से नहीं बल्कि हमारी साफ-सफाई के साथ रहने से है‌। इसमें हमारी त्वचा की सफाई, बेहतर हेयर कट और हेयर स्टाइलिंग, नेल पॉलिश और नेल कट आदि से है। अपने भीतर पर्सनैलिटी डेवलपमेंट इंप्रूव करने के लिए सबसे पहले खुद को हाइजीन रखें और इस बात पर थोडा ज्यादा ध्यान देने की ज़रुरत है।


अपना ड्रेसिंग सेंस अच्छा रखें 

 इसका मतलब  यह नहीं कि आप महंगे और ब्रांडेड कपड़े पहने। इस वाक्य का यह अर्थ है कि आप अपने पहनावे को अपने उम्र, लिंग, कार्य, और कंफर्ट जोन को देखकर ही पहने। ऐसे कोई भी कपड़े ना पहने जिसमें आप अन कंफर्ट फील कर रहे हो या कपड़ों में दाग धब्बे लगे हो या फटे हुए हो।  हमेशा कपड़े साफ-सुथरे, अच्छी फिटिंग और प्रेस किए हुए पहने। आप किसी से बात नहीं कर रहे हैं तब भी आप की ड्रेसिंग सेंस के जरिए लोग आपके व्यक्तित्व और आपके बारे में काफी कुछ समझ जाते हैं।

पॉजिटिव कॉन्फिडेंस में रहें 

 हर इंसान के भीतर आत्मविश्वास जरूर होता है। वह बात अलग है कि कुछ लोग अपने आत्मविश्वास को जाहिर कर पाते हैं तो वहीं कुछ अपने आत्मविश्वास को समझ नहीं पाते या दिखा नहीं पाते। इसी कमी की वजह से कभी बनते काम भी बिगड़ जाते हैं इसीलिए सबसे पहले अपने भीतर एक कॉन्फिडेंस लेवल पैदा करें। अपनी ताकत और कमजोरियों को समझें। आपकी ताकत ही आपकी जीत की पहचान बनेगी और अपनी कमजोरियों को दूर करने की कोशिश करें। लोग चाहे आप पर विश्वास करें ना करें पर आप खुद में विश्वास  रखें। आपका यही कॉन्फिडेंस आपके मुश्किल कामों को आसानी से करने में आपकी मदद करेगा‌। जिस बात की जानकारी आपको अच्छे से हैं और आप जिस कार्य को अच्छे से कर सकते हैं उन्हीं पर कॉन्फिडेंस रखें अन्यथा बिना किसी जानकारी या गलत कामों पर कॉन्फिडेंस ना रखें। यह आपके लिए एक नेगेटिव इंपैक्ट पैदा कर सकता है।


बॉडी लैंग्वेज  इम्प्रूव करें

जब भी आप किसी के सामने बैठे या किसी को मिलने जाए तो अपने उठने बैठने के ढंग को सही तरीके से अपनाएं या सुधारें। बैठते वक्त बैठने के सही पोस्टर्स अपनाएं । हमेशा कंफर्टेबल होकर ही बैठे। चलते समय भी पैरों को ज्यादा धिस धिस कर ना चले। अच्छे सलीके के साथ ही अपने कदमों को बढ़ाएं। भीड़ भाड़ या किसी के सामने से गुजरते वक्त excuse me शब्द का प्रयोग करें।धक्का देते हुए ना चले। किसी से बात करने के लिए इशारों का प्रयोग ना करें यह एक नेगेटिव इंपैक्ट का सबसे बड़ा कारण है जो हमारे व्यक्तित्व को खराब कर देता है। किसी के सामने खड़े होते वक्त अपनी पॉकेट में हाथ ना रखें और आंखों में गोगल्स पहनकर बात ना करें। मुंह में कुछ भी खाते पीते (पान सुपारी, चिंगम, बीड़ी, सिगरेट) वक्त किसी से बात ना करें।


विनम्रता से बात करें

किसी से बात करते वक्त हमेशा अच्छे वाक्य और शब्दों का ही प्रयोग करें जो दूसरे को समझने में आसान हो आपके बोलने का तरीका दर्शाता है कि आप कौन हैं।  कोई भी वाक्य और शब्द बोलने से पहले हमेशा सोचे और उसका अर्थ अच्छी तरीके से समझ ले। बिना सोचे समझे ना बोले। बोलने की गति को ना ही ज्यादा तेज और ना ही ज्यादा धीमी रखें। हिंदी और अंग्रेजी भाषा का अच्छे से अभ्यास करें क्योंकि यह दोनों भाषाएं ही ज्यादातर हर जगह बोली जाती है। अगर आप किसी भीभाषा में पकड़ अच्छी नहीं रखते तो अपनी भाषा के मुताबिक किताबें पढ़ें, समाचार सुने, और भाषा से जुड़े लोगों से बात करके अभ्यास करें।


सभी के साथ अच्छा व्यवहार रखें

 हमेशा सभी के साथ अच्छा और सम्मान पूर्वक व्यवहार रखें। बड़ा, छोटा, अमीर ,गरीब का भेदभाव किसी से भी ना रखें। जरूरत पड़ने पर सभी की मदद करें और सभी के साथ अच्छे से पेश आएं। जब भी आप किसी को मिल रहे हो तो प्रणाम, नमस्कार शब्दो का प्रयोग करें। छोटी छोटी बात पर किसी से भी बहस ना करें। लगातार अपनी ही बात ना करें दूसरों की भी सुने और उनकी बातों को भी महत्व दे। जाने अनजाने अगर कोई गलती हो जाए तो अपनी गलती को अपनाते हुए माफी जरूर मांगे।


हमेशा दूसरों की मदद के लिए तैयार रहें  

जीवन में जरूरी नहीं कि हमेशा अपनों की ही मदद की जाए कभी जरूरत पड़ने पर किसी अनजान व्यक्ति की भी मदद कर लेनी चाहिए। किसी की मदद करते समय फायदे और नुकसान के बारे में ना सोचे। निस्वार्थ होकर दूसरों की मदद करें। आपकी यह आदत आपको दूसरों की नजरों में एक अच्छा व्यक्ति बना देगी और वह भी आपके साथ सिक्योर फील करेंगे। जी हां इसका मतलब यह नहीं कि आप अपने कार्यों को छोड़कर दूसरों की मदद में लग गए अपने कार्यों से वक्त निकालकर ही दूसरों को वक्त दे। याद रहे किसी बड़ी दुर्घटना में ग्रस्त व्यक्ति को अगर मदद की आवश्यकता है तो आप अपने कार्य को छोड़कर उसकी जान को बचाने के लिए उसकी मदद करें उसे यूं ही इग्नोर ना करें। ऐसा करने से यह आपके व्यक्तित्व में इंसानियत का परिचय देती है।


नए लोगों से जुड़ें 

जीवन में कुछ नया पाने के लिए कड़ी मेहनत के साथ साथ जरूरी है कि आप नए नए लोगों के साथ जुड़े उनकी भाषाओं को समझें और उनसे कुछ सीखें इससे आपको भिन्न-भिन्न लोगों की परिस्थितियों को समझने का मौका मिलेगा जो आगे चलकर आपके लिए एक आइडल के रूप में काम करेगा‌। हमेशा कुछ ही 2, 4 फ्रेंड्स का ग्रुप बना कर ही ना चले। बड़े-बड़े शिक्षित और उच्च अधिकारी लोगों से मिले उनके काम करने के ढंग को देखें और उनकी अच्छी आदतों को अपनाएं। अशिक्षित लोगों के साथ मिलने से ना हिचकिचाएं उन्हें सही ज्ञान बांटकर शिक्षित लोगों की सूची के लिए तैयार करें। 


सभी का भरोसेमंद साथी बने 

हमेशा याद रखें अगर कोई आपसे अपनी कोई बात शेयर करता है तो उसे किसी और दूसरे तीसरे व्यक्ति तक ना पहुंचाएं। हमेशा अपने साथियों के लिए भरोसेमंद व्यक्ति साबित रहे। किसी के विश्वास के साथ ना खेलें और ना ही जरूरत पड़ने पर किसी को धोखा दें। ऐसा करने से कभी-कभी इंसान खुद की नजरों में भी गिर जाता है।

हमेशा कुछ नया सीखते रहिए 

हर व्यक्ति को जीवन में हर रोज कुछ नया सीखना चाहिए। पर्सनैलिटी डेवलपमेंट इंप्रूव करने के लिए हमेशा अच्छी आदतों को अपनाना चाहिए और उन आदतों से हर रोज कुछ नया करना चाहिए। "मुझ में अच्छी आदतें हैं"यह  शब्द कहने से बेहतर है कि अपनी अच्छी आदतों को अच्छे कार्यों में लगा कर दूसरों के सम्मुख प्रस्तुत कर सकते है।


जरूरी नोट:  जरूरी नहीं है कि पर्सनैलिटी डेवलपमेंट केवल पढ़ी-लिखी छात्रों और नौकरी पेशे लोगो के लिए ही जरूरी हो।  समाज में अच्छे नागरिक बनने के लिए पर्सनैलिटी डेवलपमेंट के सभी गुणों का होना अनिवार्य है‌‌। तभी एक बेहतर समाज और देश की कल्पना की जा सकती है‌। ऊपर दिए गए सभी टिप्स सीखने के लिए किसी इंस्टिट्यूट ,कॉलेज या किसी अलग तरह की कोचिंग की आवश्यकता नहीं है। अपने अंदर पर्सनालिटी डेवलपमेंट करने के लिए व्यक्ति अपने घर से ही अपनी अच्छी आदतों के साथ इसकी शुरुआत कर सकता है।


Comments

Popular posts from this blog

'ग्रोथ माइंडसेट' और आपका बच्चा, 11 ज़रूरी पॉइंट्स 'Growth Mindset' and your child, 11 important points

"युगे युगे राम": 'मिथिलेश दृष्टि' (पुस्तक - समीक्षा)

बच्चों को सिखाएं बचत का 'हुनर'