Growth Mindset' and your child जिस दिन हम माता-पिता बनते हैं, उस दिन हमारी जिंदगी में खूब सारी खुशियां आती हैं और इन्हीं खुशियों के साथ आती है, हमारे कंधों पर एक बड़ी जिम्मेदारी, जिसके तहत हमें अपने बच्चे को सक्षम और योग्य बनाने की जिम्मेदारी होती है। आजकल के चुनौतीपूर्ण लाइफ स्टाइल में जहां मां और बाप दोनों व्यस्त हो गए हैं अपने कैरियर को लेकर, वहीं बच्चों की परवरिश एक बड़ी समस्या बन गई है। हालांकि टेक्नोलॉजी के इस युग में हम अगर स्मार्ट तरीके से अपने बच्चे को सिखाना चाहें तो यह बेहद आसान भी है, बस जरूरत है यह समझने की, कि हमें अपने बच्चे को सिखाना क्या है? तो आइए जानते हैं कि अपने बच्चे के अंदर हम कौन से ऐसे गुण हैं, जिन्हें डिवेलप कर सकते हैं, जिससे आगे चल कर बच्चा सक्षम और ग्रोथ माइंडसेट का बन सके। जब आप अपने बच्चे के डेवलपमेंट में ग्रोथ माइंडसेट को फोकस करते हैं, तो ना बल्कि आपका बच्चा रियलिस्टिक गोल को समझता है, बल्कि उस गोल को अचीव करने के रास्ते में आने वाली कठिनाइयों और समस्याओं पर भी बखूबी काबू करना सीख सकता है और इसके साथ ही अपने फेलियर से लड़ना भी सीख सकता है। तो आइए
Yuge -Yuge Ram Book Review In Hindi आपका हृदय जब भी अशांत तो हो, तब प्रभु का नाम सबसे बड़ा सहारा है. इसके अतिरिक्त हृदय की अशांति दूर करने का कोई दूसरा उत्तम मार्ग भला क्या हो सकता है? इस संसार के भवसागर में अक्सर ही ऐसी परिस्थितियां आती हैं, कि मनुष्य भिन्न भिन्न झंझावातों में फंस ही जाता है। ऐसे में तनाव के क्षणों से बाहर निकलने का मार्ग सिर्फ एक ही है, और वह मार्ग है- जपहु जाइ संकर सत नामा। होइहि हृदयँ तुरत बिश्रामा॥ यह कोई एक या दो वर्ष पुराना मंत्र नहीं है, बल्कि इसकी महिमा कालजयी है । आधुनिक विज्ञान के दौर में भी अगर मानव मन में धर्म की महिमा शेष है, तो उसके पीछे यही सूत्र तो है! जब कोई भी मार्ग नजर नहीं आता है, तब प्रभु की शरण में हर व्यक्ति पहुँचता है। इसी सन्दर्भ में कबीरदास कहते हैं कि 'दुख में सुमिरन सब करे, सुख में करे न कोय, जो सुख में सुमिरन करे, तो दुख काहे को होय। इसका अभिप्राय बड़ा स्पष्ट है कि प्रभु का नाम हमेशा ही क्यों न लिया जाए! और अगर आप हमेशा उन्हें याद करते हैं, तो आपका मन फिर अशांत हो ही नहीं सकता । सांसारिक झंझावातों से निकलने का मार्ग आपको सहज ही प्राप
How do you teach kids about savings? (Pic: bhopalsamachar ) पैसों की बचत करना अपने आप में एक ऐसी कला है, जिसे आप दूसरों के लिए नहीं बल्कि अपने लिए बहुत कुछ जोड़ लेते है। बचत केवल मुसीबत में ही काम नहीं आती बल्कि खुशी के मौके में भी काम आती है। पैसों की बचत करना हर उम्र के व्यक्ति के लिए अनिवार्य है, लेकिन अगर बचत की आदत हम बचपन में ही सीख जाएं तो यह ज्यादा फायदेमंद होता है। बचपन में बचत के गुण सीखने इसलिए सही माना जाता है, क्योंकि बचपन में सीखी गई हर चीज उनके लिए भविष्य में फायदेमंद साबित होती है। बच्चों के बचपन में ही बाकी सभी अच्छी आदतों के साथ-साथ पैसों की बचत करने वाली आदत भी बच्चों में डालनी चाहिए। उन्हें पैसों की अहमियत के बारे में बताना चाहिए क्योंकि पैसा एक ऐसी चीज है, जिसके बिना जीवन केवल सांस लेने तक ही जिया जा सकता है। परंतु जीवन की कई चाहतें और जरूरतें पूरी नहीं की जा सकती। असली बचत निजी जरूरतों को पूरा करके कमाई जाती है, मन की चाहतों को पूरा करके कभी बचत नहीं होती, क्योंकि इंसान की चाहत हर दिन और मिनट बदलती रहती है। समय पर पैसों की बचत ना करके हम आने वाली बहुत बड़ी म
Comments
Post a Comment