घर की गलतियां, कर लें दुरुस्त; अन्यथा होगी धन की बर्बादी - Home Vastu Tips vs Home Management, Hindi Article
भला कौन नहीं चाहता है कि उसका जीवन सफल, सुखी, संपन्न एवं सेहतमंद हो!
पर ऐसा सबके साथ भला होता क्यों नहीं है?
बेशक कई लोग वास्तु शास्त्र के आवश्यक नियमों को न मानें, किन्तु अगर इससे हमारा व्यवहार ठीक होता है, धन की बर्बादी रुक जाती है, तो फिर बुरा ही क्या है?
हाँ! अन्धविश्वास से हमें दूर रहना चाहिए, किन्तु अच्छाई के लिए कुछ उपाय करने से हमें हिचकिचाना नहीं चाहिए.
वास्तु में आर्थिक नुक्सान की वजह के पीछे जो कुछ कारण बताये गए हैं, उनके अनुसार,
नल से पानी नहीं टपकना चाहिए.
जी हाँ! इससे आपके घर का धन एवं सम्मान भी बर्बाद होता है, ऐसी मान्यता है. यूं भी नल टपकने से आपका ध्यान बेवजह नकारात्मक होता है, भटकता है, तो पानी की बर्बादी भी होती है. तो तुरंत ठीक करा लें.
रसोई में जूठे बर्तन नहीं होने चाहिए.
जी हाँ! रात्रि में भोजनोपरांत जूठे बर्तन रसोई में लोग छोड़ ही देते हैं. इसे वास्तु में गलत माना गया है. अब इसे प्रबंधन की दृष्टि से देखें, तो अगर रात में जूठे बर्तन छोड़ देते हैं, तो सुबह कार्य में विलम्ब हो सकता है. इसके अलावा जूठन से कीटाणु भी आते हैं, एवं गन्दगी फैलती है, लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है. और जब स्वास्थ्य ख़राब होगा, तो धन की बर्बादी होगी ही.
घर के मुख्य द्वार पर गंदगी न हो.
अब भला इससे कौन इंकार करेगा. वास्तु में तो इसकी मनाही है ही, पर सामान्य रूप से भी सोचें तो यह आपका फूहड़पन ही प्रदर्शित करता है. जो भी गन्दगी देखेगा, उसके मन में नेगेटीवीटी ही तो आएगी. आप स्वयं नाक भौं सिकोड़ कर कहीं जायेंगे. मच्छर-मक्खी, कीटाणु आदि से बीमारी, सामाजिक प्रतिष्ठा में क्षति ही होगी.
दक्षिण में तिजोरी न रखें.
वास्तु साफ़ तौर पर कहता है कि समृद्धि एवं सुख हेतु घर की तिजोरी ठीक स्थान पर होना चाहिए. दक्षिण दिशा में तिजोरी का मुंह वर्जित किया गया है, तो तिजोरी का मुंह उत्तर दिशा की ओर खुलना अच्छा संकेत माना गया है. वास्तु से अलग हट कर देखें तो तिजोरी को सुरक्षित स्थान पर अवश्य रखें, एवं वास्तु का ध्यान रख सकें तो अति उत्तम.
आप क्या सोचते हैं? मान्यताओं को हम अपने जीवन-प्रबंधन में सकारात्मक ढंग से ले सकते हैं कि नहीं? कमेन्ट में अपनी राय अवश्य लिखें.
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