भारत में पले-बढ़े लोग, बड़ी अमेरिकी कंपनियों के सीईओ के तौर पर इतने सफल कैसे हो रहे हैं?

Indian CEO Success Story in USA, America, Hindi Article

इतिहास से लेकर वर्तमान तक और वर्तमान से लेकर भविष्य तक, जिस बात की सर्वाधिक चर्चा हुई है, अथवा होने वाली है, वह निश्चित रूप से 'सफलता के सन्दर्भ (Context of Success) ही है.

इतिहास, लोगों की सफलता - असफलताओं पर ही लिखे गए हैं, तो वर्तमान में भी उसी व्यक्ति की कद्र होती है, जो सफलता के नए आयाम छू रहा है. इसी प्रकार नए बालकोंका  भविष्य भी इसी तरीके से गढ़ने का प्रयत्न होता है कि वह आने वाले दिन में सफल हों.

आखिर किसी भी परिवार में कौन सा व्यक्ति नहीं चाहता है कि उस की संतानें, उस की औलादें सफल हों?

ऐसे में भारत वासियों के लिए एक सुखद संयोग खबरों में है, और वह यह है कि एक बड़ी संख्या में भारत में जन्मे लोग सीईओ के  तौर पर अमेरिका की सिलिकॉन वैली में अपना दबदबा दिखा रहे हैं. अभी हाल ही में टि्वटर के सीईओ के तौर पर जिन पराग अग्रवाल (Twitter CEO Parag Aggrawal) का चयन हुआ है, वह मीडिया में छाया हुआ है.
केवल पराग अग्रवाल ही अकेले क्यों, गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई, माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला, एडोबी के सीईओ शांतनु नारायण जैसे एक से बढ़कर एक टेक धुरंधर अमेरिका की सिलिकॉन वैली में अपना रुतबा जमाने में सफल हुए हैं. 

क्या कभी आपने सोचा है कि जिस अमेरिका की कुल आबादी के मात्र 1% लोग इंडियन ओरिजिन के हैं, वहां तमाम बड़ी अमेरिकी कंपनियों के सीईओ एवं दूसरे बड़े पदों पर भारतीय आखिर कैसे इतने सफल हो रहे हैं?

इसी विषय पर प्रकाश डालता बीबीसी हिंदी का यह लेख अवश्य ही पढ़ना चाहिए। इस लेख में भारतीयों में तमाम कठिन समस्याओं का हल निकालने की क्षमता कैसे डेवलप हुई है, तो भारतीयों के दबदबे में उनकी स्वाभाविक नेतृत्व-क्षमता का कितना हाथ है, इसका एक पक्ष आपको जानने को मिलेगा।

यह लेख डाइवर्सिटी के लिहाज से भी अमेरिकन टेक इंडस्ट्री में भारतीयों की सफलता का जायजा लेता है. इस पूरे लेख को पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें

Article Title: Indian CEO Success Story in USA, America, Hindi Article

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